मन को शांत और शुद्ध रखने के लिए देवी के दिनों में नवरात्रि पर कविताएं ज़रूर पढ़नी चाहिए। 

नवरात्रि पर सुविचार से पूरे समय ख़ुशी और पवित्रता का एहसास होता है। 

ऐसे ही नवरात्रि पर शायरी का यह अनमोल संकलन पावन रचनाओं से बना है, जिन्हें आप कभी भी Share कर सकते हैं।

नवरात्रि पर कविताएं | Quotes To Express The Divine LOVE

 आइए नवरात्रि पर status पढ़ना शुरू करते हैं-

1.

नौ दिन नौ रूप देवी के उत्तम स्वरूप।

 

2.

भक्त के एक आव्हान पर,

माता प्रकट हो जाएं।

 

3.

शेर पर सवार होकर आती,

शेरावाली सबकी बिगड़ी बनाने वाली।

 

4.

सजे दरबार भवानी के,

नवरात्रि में धूम मचे।

 

5.

श्वेत वस्त्रधारी मां कल्याणी,

महिषासुरमर्दिनी मां अम्बे गौरी।

 

6.

नवरात्रि में अलख जगाते,

भक्त माता की स्तुति में मगन हैं रहते।

 

7.

चौकी लगा विन्ध्वासिनी की,

कमल पुष्पों की माला अर्पण करते।

 

8.

धूम मचे नवसवरूप खप्पर खड्गधारिणी,

अम्बे मां की नवरात्रि का त्यौहार आया।

 

9.

आई माता रानी हमारे द्वार,

कष्ट सभी हरने कृपा अपनी बरसाने,

प्यार से बोलो जय माता दी।

 

10.

मां भगवती घर-घर आएं,

नवरात्र में सबकी मनोकामना पूर्ण करें

जय अम्बे।

 

11.

खुशियों का त्यौहार मनाएं सब संताप दूर भगाएं,

मां दुर्गा नवरात्रि में घर-घर आएं।

 

12.

 देखो माता दूर्गा का दरबार सजा है,

भक्तगण ज्योत जला मां का आव्हान किया है।

 

13.

नौ दिन नौ रूप का ध्यान करें,

फल, मेवा, मिश्री का प्रसाद चढ़ाएं

जय-जय का जयकार लगाएं।

 

14.

माता की चौकी लगाएं,

घर-घर देखो अम्बे गौरी

मैया की ज्योत जगाएं।

 

15.

नवरात्रि में गंगा जल से भरा कलश स्थापित करें,

आम की डाली, अक्षत, रोली सिन्दूर और फूल चढ़ाएं।

 

16.

 नौ दिन माता की चौकी लगाएं,

अखंड दीप जलाकर

मां को खुशियों से घर बुलाएं।

 

17.

 जौ के बीजों को बालू में सींचते नौ दिन में माता की,

कृपा से देखो जौ की बालिया बन जाए

जय मात अम्बे की।

 

18.

माता की महिमा अपरम्पार,

नवरात्र में आएं नव अवतार।

 

19.

नवरात्रि में नौ कन्याओं को भोजन कराएं,

मनोवांछित फल चामुण्डा माता से पाएं।

 

20.

शेर पर सवार होकर माता रानी आतीं।

 

21.

अष्ट भुजाओं वाली माता।

 

22.


गदा, तलवार, खड्ग, कमल, भाल और त्रिशूल धारणी,

मां भवानी नवरात्रि में घर-घर विराजे।

 

23.

नौ दिन नौ फल मां दुर्गा को,

चढ़ा प्रसन्न करते हैं।

 

24.

नवरात्रि का जश्न मनाओ,

माता के नौ रूपों के दर्शन पाओ।

 

25.

बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार आया,

महा गौरी की गुहार लगाओ।

 

26.

नौ दिन माता सिद्धिदात्री के अखंड दीप जलाएं,

मां की महिमा का गुणगान करें।

 

27.

नौ दिन धूमधाम से भवानी को,

मनाएं खुशियां ही खुशियां पाएं।

 

28.

स्मरण करने पर समस्त दुखों को,

हरने वाली मां दुर्गे खप्पर वाली।

 

29.

नारायणी मां सब प्रकार की,

मंगल करने वाली मंगलमयी शिवा हैं।

 

30.

शरण में आए दीनों एवं पीड़ितों की,

रक्षा में तत्पर रहने वाली मां अम्बे।

 

31.

सर्वस्वरूपा, सर्वेश्वरी तथा सब प्रकार की,

शक्तियों से सम्पन्न दिव्यरूपा दुर्गे देवी।

 

32.

मधुकैटभहन्त्री,

मधु और कैटभ नामक,

राक्षस का संहार करने वाली।

 

33.

देवी की नौ मूर्तियां,

जो नवदुर्गा कहलाएं।

 

34.

नौ रूप देवी की पूजा करके,

विषम परिस्थितियों से मुक्ति पाते

जय मां भवानी।

 

35.

शैलपुत्री, ब्रह्माचारिणी, चन्द्रघटा, कुष्मांडा,

स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री

माता के नौ रूपों की पूजा अर्चना।

 

36.

नवरात्रि में जो माता का स्मरण,

शुद्ध मन से करता है

वह कभी भयभीत नहीं होता है।

 

37.

देवी भद्रकाली की जय हो।

 

38.

महिषासुर का नाश करने वाली तथा,

भक्तों को सुख देने वाली माता की जय।

 

39.

तुम हमें रुप देने वाली,

जय देने वाली

यश देने वाली और रक्षा करने वाली हो

जय मंगला गौरी।

 

40.

चार भुजाधारिणी,

परमेश्वरी माता की जय।

 

41.

शेर पर सवार होकर आती,

शेरावाली मां भक्तों के सब कष्ट दूर करती।

 

42.

मां अम्बे नवरात्र में धरती पर प्रकट हो,

अपने भक्तों को दर्शन देती हैं।

 

43.

माता की है नेत्र लाल और भोंवे विकराल,

जो करती दुष्टों को भयभीत।

 

44.

सबकी मनोकामना पूर्ण करती है,

नवरात्र में मां अम्बे।

 

45.

नव दिन धूम मचे है,

कन्या पूजन घर-घर में मने है।

 

46.

शेरावाली का दरबार सजे,

सब दर्शन पाएं चाहे राजा या रंक।

 

47.

सिंह के पीठ पर विराजमान,

मस्तक पर चन्द्रमुकुट दमके

मणि समान।

 

48.

भगवती दुर्गा की जयकार,

करती हर दुर्गति से बेड़ा पार।

 

49.

सभी देवताओं के अंगों से,

उत्पन्न मां भद्रकाली

साक्षात हैं महालक्ष्मी।

 

50.

महिषासुरमर्दिनी,

गौरा मुख भूजाएं श्याम कांति रुप

सौभाग्यशाली माता हैं।

 

51.

 मां के मुखमंडल का तेज और उनके,

स्नेहमयी हृदय में सभी के लिए

आपार प्रेम है।

 

52.

मां अम्बे चक्र और कमल,

धारण करती हैं।

 

53.

मां दुर्गा,

आदिशक्ति का रुप हैं।

 

54.

अखंड ज्योत,

नौ दिन माता के सम्मुख जलाओ

माता को श्रद्धा पूर्वक घर बुलाओ।

 

55.

नवरात्र का पर्व मनाओ,

‌श्री दुर्गा सप्तशती पाठ

विधि से नौ दिन पढ़ो।

 

56. 

सिंहवाहिनी भवानी माता की जय हो।

 

57.

नौ दिन नौ रुपों में आकर राक्षसों का,

विनाश करने वाली

मां भद्रकाली की जय।

 

58.

माता रानी,

जो अपनी प्रभा से

तीनों लोकों को,

प्रकाशित करने वाली हैं।

 

59.

देवी दुर्गा आदिशक्ति,

मां जगदम्बा की जय।

 

60.

सबकी बिगड़ी बनाने वाली हैं,

सतियो की लाज बचाने वाली है

मां दुर्गा।

 

61.

मुबारक सभी को नवरात्रि का त्यौहार हो,

हर्षोल्लास एवं धूमधाम से मनाओ।

 

62.

कुमकुम के शुभ कदमों से,

माता रानी पधारें।

 

63.

शेरावाली सबकी बिगड़ी बनाने आईं,

मनोकामना सबकी पूरी करने आईं।

 

64.

नवरात्रि में जगरात्री करके माता को प्रसन्न करें,

वरदान खुशियों की मांगें जगदम्बा से।

 

65.

मां धरती पर प्रकट हो,

भक्तों के सब कष्ट हरने आती हैं।

 

66.

नवरात्रि की शुभकामनाएं,

सभी को माता रानी के शुभ कदम धरती पर जो पड़े हैं।

 

67.

नव दिन धूम मचे घर घर माता की चौकी सजे।

 

68.

आओ सब मिलकर पुकारें जय माता रानी के जयकारे।

 

69.

बाजे ताल मृदंगा भेरू करे,

नृत्य मां दुर्गा कष्ट सभी हरने आई।

 

70.

मां अम्बे सन्ताप सभी दूर करने आई,

सबकी नैया पार लगाने आई हैं।

 

71.

नौ दिन नौ शक्तियों का आशीर्वाद।

 

72.

भगवती से मांगे सबका कल्याण।

 

73. 

नवरात्रि व्रत जो करता होता,

उसका कायाकल्प है।

 

74.

असीम ऊर्जा है मां दुर्गा के प्रार्थना में।

 

75.

नवरात्रि में व्रत, जप, पाठ और कन्या पूजन का है बड़ा महत्व।

 

76.

क्षमा प्रार्थना और इच्छित कार्य हेतु अराधना करने पर माता अवश्य फल देती हैं।

 

77.

नौ दिन पढ़ें दुर्गा चालीसा और पाठ करे,

दुर्गा सप्तशती का मां हो जाये प्रसन्न।

 

78. 

नवरात्रि में आरोग्य और सौभाग्य प्राप्ति की लिए प्रार्थना करें।

 

79.

भगवती के आराधना से ना कोई रोग,

व्याधि सताए ना चित की व्याकुलता।

 

80.

आओ मां अम्बे आओ मां दुर्गे हम,

तुम्हें पुकारें आकर हमारी झोली खुशियों से भर दो।

 

81.

नवदुर्गा मां भक्तों को शुभ फल प्रदान करती,

तन-मन को मजबूत करती हैं।

 

82.

मां दुर्गा का ध्यान धरो नवरात्र में दुर्गा माता,

तेरी जय हो उच्चारण करो बारम्बार।

 

83.

बताशा सुगंधित तेल सिन्दूर कपूर पंच,

सुगन्ध और मधु है माता को प्रिय।

 

84.

फल पंचामृत

दूध, दही, घी, मधु, चीनी से अभिषेक कराओ।

 

85.

श्री दुर्गा नवरात्र व्रत कथा,

सुनाओ और मनवांछित फल मां से पाओ।

 

86.

दुर्गा नामों का पाठ जो करें,

वो सब भय से मुक्त हो जाए।

 

87.

 जब जब दुष्टों का प्रकोप बढ़े मां सिंह पर सवार होकर आती है,

उनका संहार करने के लिए।

 

88.

मां दुर्गा सब पर करुणा करती हैं,

अमृत बरसाती हैं।

 

89.

शूम्भ और निशुम्भ का मर्दन करने वाली तथा शुम्भासुर को,

संहार करने वाली अम्बा अम्बिके मां।

 

90.

नवरात्री में नौ दिन माता की पूजा अर्चना करने के बाद,

हवन करने पर संकल्प सिद्ध हो जाता है।

 

91.

जिस संकल्पनाओं से नौ दिन माता की व्रत-पूजा होती है,

वो हवन करने के बाद पूर्ण हो जाती।

 

92.

नवरात्रि आई घर घर घंटा बजे।

 

93.

मन्दिर में दर्शन पाने देखो लाखों भक्त उमड़े हैं।

 

94.

मन्दिर मां अम्बे की खूब सजी है,

मां की जयकार मची है।

 

95.

मां दुर्गा लाल वस्त्र धारण करती हैं,

उनके शरीर का अंग भी लाल और आभूषण भी लाल है।

 

96.

मां के अस्त्र-शस्त्र नेत्र, सिर के बाल

तीखे नख और दांत सभी रक्तवर्ण है

तभी कहलाती रक्तदन्तिका।

 

97.

नौ दिन व्रत किया है,

अब सिद्धिदात्री माता की आराधना करके

उनके परायण के जयकारे लगाएं।

 

98.

इति श्री मार्कण्डेय पुराण कथा समाप्त होती है,

मां की महिमा बखान की।

 

99.

भक्तों झूमो गाओ मां दुर्गा की अलख जगाओ,

जय माता दी के जयकार लगाओ।

उम्मीद करती हूँ कि नवरात्रि पर कविताएं पढ़कर देवी पूजन के प्रति श्रद्धा बढ़ गई होगी। Comment Section में मुझे ज़रूर बताएं कि कौन-सी शायरी आपको सबसे ज़्यादा पसंद आई।

Vina Jha