जोश भर देने वाली देशभक्ति पर शायरी, हर उस इंसान को पढ़नी चाहिए जो इसकी मिट्टी में जन्म लेता है। 

देशभक्ति कविताएं अपनी मातृभूमि की Importance और Expectations को जानने का सबसे अच्छा ज़रिया है।   

इसलिए मैंने इस संकलन में देश प्रेम पर शायरी के साथ-साथ Perfect Motherland Messages को शामिल किया है, जिन्हें आप कभी भी पढ़ सकते हैं और Share कर सकते हैं।

जोश भर देने वाली देशभक्ति पर शायरी | Messages To Feel The Importance Of MOTHERLAND

आइए देशभक्ति शायरी पढ़ना शुरू करते हैं –

1.

जब भी कोई दुश्मन मेरे देश पर नज़र डालता हैं,

खुन खौल जाता हैं।

 

2.

मेरे माता पिता की आँखों में आज भी खुशी के आंसू हैं,

क्युकी उनकी लाडली बेटी देश की रक्षा में जो खड़ी हैं।

 

3.


लिख कर नाम तेरा हम दिल में चला करते हैं,

अन्जाम जो भी हो वो देखा जाएगा, ये ज़ज्बात रखते हैं।

 

4.

मेरा पहला प्यार भी तू, इबादत भी तू,

मेरे दिल का अरमान भी तू, ज़ज्बात भी तू,

ए वतन तू कह दे तो ये जान भी दे दु।

 

5.

तेरी रक्षा का ख्याल मेरे दिल में हमेशा रहता हैं,

मैं राहु या ना राहु ये ज़ज्बात हमेशा रहता हैं।

 

6.

आज भी मेरे खून की बूँदें तेरा नाम लेती हैं,

मेरे मार जाने के बाद भी तेरा सजदा करती हैं।

 

7.

एक अलग ही बात होती हैं उस ज़ज्बात में,

जब मेरे देश का कोई सिपाही अपनी जान न्यौछावर करता हैं देश की ख़ातिर।

 

8.

तिरंगा ना कभी अपना झुकने देंगे,

दुश्मन जब भी वार करेगा उसको हराकर दम लेंगे।

 

9.

ना झुकना सीखा है कभी ना झुकेंगे,

तेरे लिए ए वतन दुश्मन का सिर झुका के दम लेंगे।

 

10.

खून की हर बूंद तेरा नाम लेती हैं हर बार ए वतन,

सिर्फ इसी आरज़ू में की मरने के बाद भी मैं तेरी रक्षा कर पाऊँ।

 

11.

कहीं आँसू गिरे कहीं फूल बरसे,

मेरे जिस्म से जब भी खून बरसे ए वतन सिर्फ तेरे लिए बरसे।

 

12.

तेरी मिट्टी में लिपट कर सोना कोई जन्नत से कम नहीं,

बस तू कह दे तो ये जान भी बार बार दे दु।

 

13.

मैं तुझे उन दुश्मनों से तो बचा लूँगा जो दूसरे देश के हैं,

पर अपने ही देश में बैठे दुश्मनों कैसे बचाऊं।

 

14.

आज भी उन पहाड़ियों में तेरे नाम की गूँज रहती हैं,

कि जब भी कोई दुश्मन तेरी रेखा के पास आए तो

उसका दिल भारत नाम सुन कर दहल जाए।

 

15.

ये तिरंगा ना कभी झुकने दूँगा, ये विश्वास ना कभी टूटने दूँगा,

सिर्फ इसी ख्याल में जिंदगी जीता हूँ कि तेरी शख्सियत ना भी मिटने दूँगा।

 

16.

तिरंगा ये कभी ना झुकने दूँगा, 

वर्दी ये कभी ना उतरने दूँगा, 

दूँगा तो सिर्फ तुझे ए वतन, 

जिंदगी भर रक्षा करने का वादा दूँगा।

 

17.

तेरे पेड़ों की छावँ में ए वतन,

सिर रखकर सोने का दिल चाहता हैं

बस तू जो हैं साथ मेरे,

सिर्फ ये ही ख्याल दुश्मन का सिर झुकाता हैं।

 

18.


किसी भी देश के देशवासी के लिए उसका देश,

एक अनमोल रत्न से कम नहीं होता,

और ये बात ही किसी दुश्मन को अपने देश के पास भटकने नहीं देता।

 

19.

मेरी जन्म भूमि भी तू हैं, और मेरी कर्म भूमि भी,

और मेरे जहन में भी हर पल बस तू हैं।

 

20.

किसी ने पूछा किस देश से हो तुम,

मैंने कहा उस देश से जहां विभिन्न भाषाओं और धर्म के लोग एक साथ रहते हैं।

 

21.

मेरे देश का अनाज भी अनमोल,

मेरे देश की मिट्टी भी अनमोल

हैं अनमोल मेरे देश की हर चीज़,

मेरे देश का ताज भी अनमोल।

 

22.

पडी़ जो तेरी डगर पर दुश्मन की नज़र,

देखते ही मैंने खींच ली उसकी नज़र।

 

23.

अपने देश के लिए लड़ना हर सिपाही का फ़र्ज़ और सपना होता हैं,

काश ऐसे दिन आए जब देश का हर नागरिक और

बच्चा को भी सिखाया जाए विषम परिस्थितियों में कैसे देश के

दुश्मन चाहे बाहर हो या अंदर उनसे कैसे लड़ा जाए।

 

24.

ये देश हैं मेरा, ये घमंड हैं मेरा,

इसके लिए ही मेरा जन्म हुआ हैं मेरा

और इसी के लिए अंत भी होगा।

 

25.

सोने की तरह ये खेत हैं तेरे,

और हीरों की तरह ये वादियाँ हैं अनमोल

लेकिन पड़े जो तुझ पर दुश्मन की नज़र,

तो खींच लेंगे ये नज़र।

 

26.

ना ये सिर झुका हैं कभी, ना झुकेगा कभी,

बस झुकेगा तो घमंड और नफ़रत दुश्मन की।

 

27.

आज तेरी ख़ातिर ए वतन,

ये जान भी न्यौछावर कर दी

और हर जन्म ये ही दुआ हैं कि,

बार बार न्यौछावर करने का मौका मिले।

 

28.

एक सिपाही हूँ, सपने में भी सबसे पहले,

अपने देश की रक्षा के बारे में सोचता हूँ।

 

29.

तेरी रक्षा करना धर्म हैं मेरा,

तुझे दुश्मन की नज़रों से बचाना ये ही

कर्तव्य हैं मेरा।

 

30.

मेरा सिर सिर्फ तीन माताओं के आगे झुकता हैं,

अपनी माँ, देवी माँ और धरती माँ।

 

31.

मेरा धर्म भी तू, मेरा कर्म भी तू,

मेरी शान भी तू, मेरा अभिमान भी तू।

 

32.

जब कोई मुझसे पूछता हैं आपका देश कहा बस्ता हैं,

मैं कहता हूँ दिल।

 

33.

मेरा खून भी तेरे लिए, मेरा जुनून भी तेरे लिए,

तेरी ही ख़ातिर मैं कर दु जान न्यौछावर, मेरा ये तन भी तेरे लिए।

 

34.


जब कोई मुझसे पूछता हैं,

आपको सबसे ज़्यादा खुशी कब महसूस होती हैं,

तो मैं कहता हूँ जब अपने देश का तिरंगा लहराते हुए देखता हूँ।

 

35.

एक खिलाड़ी के रूप में,

मैं अपने लिए बाद में पहले अपने देश के लिए खेलता हूँ।

 

36.

चाहे वो अखाड़ा हो या सरहद,

अपने देश का झंडा लहराने की,

जो खुशी होती हैं वो असीम होती हैं।

 

37.

अपने देश के लिए खेलना और लड़ना,

हर सिपाही और खिलाड़ी के लिए शान की बात होती हैं।

 

38.

पहले भी हमारे देश के लोगों ने मिलकर,

भारत की रक्षा की थी और आज भी कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे।

 

39.

पहली आज़ादी हमें 15 अगस्त 1947 में मिली थी,

इतने वर्षों बाद भी हम पूरी तरह स्वतंत्र नहीं हो पाए हैं।

 

40.

स्वतंत्रता सही मायनों में पाने के लिए,

हमें अपने समाज और सोच से विकसित होना पड़ेगा।

 

41.

कोई भी देश पूरी तरह से सक्षम नहीं होता,

उसको सक्षम बनाया जाता हैं,

लोगों की सोच विकसित कर के और मेहनत कर के।

 

42.

कहीं सोने के पदक जीते, कहीं दुश्मनों से लड़कर सरहद जीते,

जब भी जीते सिर्फ और सिर्फ मेरे देश का तिरंगा जिताने के लिए जीते।

 

43.

मेरी कर्म भूमि भी तू, मेरी जन्म भूमि भी तू,

मेरी माता भी तू और पिता भी तू

मेरे जहन में अब सिर्फ तू ही तू।

 

44.

दुश्मनों की क्या औकाद की तुझ पर नज़र डाले,

जब भी डाले तो ये गोलियाँ उनकी छाती छनी कर डालें।

 

45.

दिल पत्थर का चाहिए अपनी बेटी या बेटे को जंग में भेजने के लिए,

वरना छोटी छोटी चोट पर तो हम सभी के परिवार रो देते हैं।

 

46.

कुछ पाने के लिए, कुछ खोना पड़ता हैं,

और देश की रक्षा के लिए कभी कभी अपना

जिगर का टुकड़ा खोना पड़ता हैं।

 

47.

पहले भी अपने देश को गुलामी से छुड़ाने के लिए मेरा पूरा देश एक हो गया था,

और आज भी दुश्मनों की नज़र से बचाने के लिए मेरा देश एक हैं।

 

48.

आज भी मुझे अपनी माँ के हाथ का खाना याद आता हैं,

दूर सरहद पर बैठे बार बार उसके प्यार की याद दिलाता हैं।

 

49.

वो मिट्टी की खुशबु, वो सरसों का साग,

दूर बैठे सरहद पर याद दिलाता हैं मुझे,

मेरे गांव और देश का प्यार।

 

50.

आज़ादी की वो लड़ाई हम ना भूलेंगे,

तब भी किया था देश आज़ाद अपना और आज भी करेंगे और करते रहेंगे।

 

51.

आजादी के इतने साल बाद भी हम सामाजिक परेशानियों से जूझ रहे हैं,

हर स्तर पर और इनको अगर विकासशील मुद्दो की ओर ले जाना हैं तो

हमें मिलकर हर स्तर पर काम करना होगा।

 

52.

मेरी वर्दी की शान तब तक कम नहीं होगी,

जब तक तू मेरा गुरूर हैं ए वतन।

 

53.

जब तक हम अपने विचार एक दूसरे को लेकर बुनियादी तौर पर,

विकसित नहीं करेंगे तब तक हमारा देश भी विकसित नहीं हो पाएगा।

 

54.

किसी भी देश को विकासशील बनाने के लिए,

मूल रूप से शुरुआत करनी पड़ती हैं।

 

55.

वो भीगी पलकों में कुछ आसूं उदासी के थे,

तो कुछ आसूं खुशी के भी थे,

क्युकी उनमें मेरे जाने का ग़म तो था पर खुशी थी कि,

मैंने देश की रक्षा के लिए जान दे दी।

 

56.

रोज सपनों में बस यहीं देखा करता हूँ,

कि मैं हर जन्म में सिपाही बनकर अपने देश की रक्षा करू।

 

57.

जीत की खुशी उनसे पूछो क्या होती हैं,

जो सरहद पार देश की रक्षा करते वक्त जीतते हैं और

गर्व से सारे देश वासियों का सिर ऊँचा करते हैं।

 

58.

मरते वक्त जो शब्द सबसे पहले,

मेरे मुँह से निकला वो था जय भारत।

 

59.

मेरे देश की मिट्टी,

मेरे गांव की चिट्ठी

सिर्फ ये ही पैगाम मुझे,

बार बार देती हैं

की जब भी आओ वापिस,

जीत कर ही आओ।

 

60.

मेरे देश का कोई कोना खाली नहीं हैं,

सिर्फ एक ही आवाज सुनाई देती हैं हर जगह भारत भारत भारत।

 

61.

सपनों से ही था मैं एक सिपाही,

जब भी आया सिर्फ तेरा ही जिक्र आया,

और उन सपनों को सच कर दिखाऊँ।

 

62.

आज भी उन पेड़ों की शाखाएं याद हैं मुझे,

जिन पर बैठ कर मैं अपने देश के बहादुर सिपाहियों की कहानी सुनी थी,

फर्क़ सिर्फ इतना हैं आज मैं खुद एक सिपाही हूँ।

 

63.


सिर्फ लड़ाइयों से नहीं जंग जीती जाती,

जंग जीतने के लिए देश प्रेमी होना बहुत जरूरी हैं।

 

64.

कुछ गद्दारों ने मेरे देश को खोखला कर दिया,

पर मुझे पूरा यकीन है देश प्रेमी मेरे देश को और मजबूत बना देंगे।

 

65.

जहां हुई शून्य की शुरुआत और रचा गया इतिहास,

ऐसे देश में रहती हूँ मैं जहां हैं ढेरों देश प्रेमियों का वास।

 

66.

मेरे देश की वो मिट्टी तब और ज़्यादा अनमोल हो गई,

जब उस पर मेरे खून की बूंदों से नाम सिर्फ तेरा ही लिखा गया।

 

67.

ए वतन मेरी रगों में हैं खून सिर्फ तेरा,

जहां भी जाता हूँ तुझे ही पता हूँ शाम सवेरा।

 

68.

वर्दी तो एक पहनावा हैं तेरे प्रति मेरा प्रेम दिखाने का,

वरना तेरा नाम तो जन्म से ही लिखा हैं इस दिल में ए वतन।

 

69.

वो कारगिल का युद्ध, वो बहते आँसू,

वो बंदूक की गोलियां, वो खून की छाती

बस एक ही बात मुझसे बार बार कहती हैं,

की मेरा देश जितना अनमोल कुछ भी नहीं।

 

70.

मेरे देश के हर बच्चे में बहादुर सिपाही बस्ता हैं,

और कहानियाँ में देश प्रेम।

 

71.

दुश्मन की गोलियों से मुझे फर्क़ नहीं पड़ता,

अगर फर्क़ पड़ता हैं तो इसे की मेरे देश की सीमा पर दुश्मन ने नज़र कैसे डाली।

 

72.

मेरे देश की मिट्टी की बात ही कुछ खास हैं,

जो भी इस में मिलता हैं वो सोना बन जाता हैं।

 

73.

जहां हो सारे त्यौहार इतने रंगीले,

वही बस्ता हैं नाम भारत का हर इंसान के अंदर।

 

74.

जहां विभिन्न भाषाओं का मिलता हो ज्ञान,

वहाँ मुख पर सबके हैं भारत का ही नाम।

 

75.

जहां संस्कृत का हो मूल,

वहीं बस्ते हैं सारे रत्नों का मूल।

 

76.

विभिन्न धर्मों से ज्यादा जहां मूल्य हैं भावना,

ऐसा देश हैं मेरा भारत।

 

77.

ना तोलों मेरे देश को सोने चांदी में,

तोलना ही हैं तो तोलों सिर्फ देश प्रेमियों के प्यार से।

 

78.

अपने देश के प्रति प्रेम ही सिर्फ,

देश को प्रगति की ओर ले जा सकता हैं।

 

79.

बुराइयाँ तो हर देश में होती हैं,

पर उन बुराईयों को अच्छाइयों में कैसे बदला जाए और

अपने देश को कैसे आगे बढ़ाया जाए,

वो सिर्फ एक सच्चा देश प्रेमी ही कर पाता हैं।

 

80.

अपने देश की अच्छाइयों और बुराईयों के बारे में तो सब बात करते हैं,

पर बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो देश को आगे बढ़ाते हैं।

 

81.

चाहे दुनिया में आप कहीं भी चले जाए,

पर हमेशा अपने देश की जड़ों से जुड़े रहे और

अपने देश पर गर्वित महसूस करें।

 

82.

कोई भी देश तभी आगे बढ़ सकता हैं,

जब वहाँ रहने वाले लोग उसको आगे बढ़ाने में हर समय कोशिश करें।

 

83.

देश प्रेम की भावना जब तक हर हिन्दुस्तानी में नहीं होगी,

तब तक हमारा देश जड़ से कभी भी सफल नहीं हो पाएगा।

 

84.

हाँ मैं उसी देश का निवासी हूँ,

जहां योग का इतिहास शुरू हुआ और सारे विश्व भर में हैं फैला।

 

85.

जहां रची गई हैं प्रेम की सबसे बड़ी कहानी,

हाँ भारत ही नाम हैं उसका जहां बस्ते हैं कृष्ण और राधा रानी।

 

86.

जहां अपने देश को बचाने की खातिर,

लड़ पड़ी रानी लक्ष्मी बाई,

रच दिया इतिहास उन्होंने की अब भी,

अंग्रेज उनकी वीरता की कहानी गाते हैं।

 

87.

जहां शुरू हुई अपने देश को अंग्रेजों से छुड़ाने की लड़ाई,

हाँ उसी देश में बस्ते हैं मंगल पांडे जिन्होंने अंग्रेजों को हैं धूल चटाई।

 

88.

जहां बस्ते हैं वीर शिवाजी,

उसी देश से शुरू हुई हैं वीरता की कई कहानी।

 

89.

ना बंदूकों से ना गुलामी से,

हार कभी मानी, मानी ही हैं तो सिर्फ एक बात,

कि वीर देश के लोग कभी हार नहीं मानते।

 

90.

मेरे देश के वीर की कहानियाँ हमेशा याद दिलाती हैं,

मुझे की मैं हिस्सा हूँ उस देश का जहां अलग अलग धर्मों के लोगों ने

एक जुट हो कर आजादी के लिए लड़ाई लड़ी हैं।

 

91.

ना हूं मैं बंगाली, ना हूं मैं पंजाबी, ना हूं मैं गुजराती,

ना हूं मैं मराठी, मैं हूँ तो सिर्फ हिन्दुस्तानी।

 

92.

धर्मों का क्या हैं वो तो इंसान को बाँट ही देते हैं,

पर जो सच्चा देश प्रेमी होता हैं वो कभी किसी चीज से बटता नहीं हैं।

 

93.

बाँटना ही हैं तो प्यार बाँटो देश प्रेम बाँटो,

तभी सही मायनों में देश को आगे बढ़ा पाओगे।

 

94.

रख ली जान हथेली पर हमने और हर बार रखेंगे,

जब भी आयेगा नाम देश का मेरे अपना प्रेम जरूर दिखाएगें।

 

95.

वीरों से हैं वीरता की कहानी,

और देश प्रेमियों से हैं प्रेमियों की कहानी।

 

96.

यूही कोई देश आगे नहीं बढ़ जाता,

उसे आगे बढ़ाने के लिए देश प्रेमी होना जरूरी हैं।

 

97.

कुछ वीरों के किस्से, कुछ बहादुरी के किस्से,

हर देश की नीव को मजबूत और मूल रूप देते हैं ये किस्से।

 

98.

वो मिट्टी की खुशबु,

वो दिल की धड़कन

सिर्फ एक ही नाम लेती हैं हर पल,

भारत भारत भारत।

 

99.

मेरे देश की मिट्टी की बात ही कुछ अलग हैं,

की इसके लिए मार जाने का दिल करता हैं।

उम्मीद करती हूँ कि देश प्रेम पर कविताएं पढ़कर अपनी मातृभूमि पर गर्व महसूस हुआ होगा। Comment Section में मुझे ज़रूर बताएं कि कौन-सी शायरी आपको सबसे ज़्यादा पसंद आई।

Shubhangi Kaushik